कई बार मन ये ख़याल आता है कि ये भारतीयता क्या है ? जब इस विषय पर जोर दे के सोचा जाता है तो हमें एक ख़ास तरहः के पहचान बोध का अहसास करता है । यह एक तरहः का भाव है जिसमें अपनी ज्ञान ,परंपरा, संस्कृति और इतिहास गुँथा है । भारतीयता भारत से जुड़े हुए लोगों से है सम्बद्ध है । यह भारत के लोगों की सोच , रहन सहन , आस्था , मूल्य , कर्म और हमारे संस्कार को दर्शाती है । भारतीयता के तत्त्वों की खोज अगर हम करें तो वैदिक काल से आज के समय में विखरा पड़ा है। वैदिक काल से आज तक अविरल परंपरा में यदि कोई कहे कि वह एक पहचान बताइए जिससे लगे कि यह भारतीयों असली और बाकी दुनियाँ से अलग है तो मैं कहूंगा ,"वसुधैव कुटुम्बकम "। यह विचारतत्व भारतीयों के डीएनए में मैजूद । ऐसे कई टूल्स से जिससे हम भारतीयता की पहचान कर सकते हैं ।।